करीब 12 साल बाद ऐसा संयोग बना है कि राखी के दिन ग्रहण लग रहा है।
इसलिए सूतक लगने से पहले भद्रा का असर रहेगा। राखी के लिए शुभ मुहुर्त चंद्रग्रहण रात 10.53 बजे से शुरू होगा।
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ज्योतिषाचार्य का कहना है कि चंद्रग्रहण से 9 घंटे पहले यानी दोपहर 1.53 बजे से सूतक लग जाएगा। सुबह 11.04 बजे तक भद्रा काल का असर रहेगा।
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चूंकि सूतक और भद्रा दोनों में ही शुभ कार्य वर्जित हैं, इसलिए इन दोनों के बीच का समय राखी बांधने के लिए शुभ है। सुबह 11.05 बजे से लेकर 1.52 मिनट तक आप रक्षा बंधन का त्योहार मना सकते हैं। आखिर भद्रा में क्यों नहीं बांधी जाती राखी?
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ऐसा कहा जाता है कि सूपनखा मे अपने भाई रावण को भद्रा में राखी बांधी थी, जिसके कारण रावण का विनाश हो गया, यानी कि रावण का अहित हुआ। इस कारण लोग मना करते हैं भद्रा में राखी बांधने को।
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