मैं आपसे पूछता हूं कि एकजुटता का क्या है |
क्या सिर्फ चार लोग साथ खड़े हैं तो वह एकजुट है |
एकजुटता है अपने अंदर मल्टी पल एबिलिटी को इस तरह समावेश करना कि एक दूसरे से भिन्न होते हुए भी जब उसका इस्तेमाल किया जाए तो वह आपको शिखर पर ले जाएं |
भगवान शिव ने अपने बिखरे हुए केशव को एकत्रित करके गंगा के विकराल रूप को भी शांत कर दिया |
उसी तरह हमें भी अपने अंदर छुपी क्षमताओं में संतुलन बिठाना है |
क्षमताओं का पूरा इस्तेमाल करना है |
अगर कोई क्लीख आपके विरुद्ध साजिश कर रहा है तो गुस्सा आना स्वाभाविक है |
उसे मुंहतोड़ जवाब भी दीजिए पर अपना विवेक मत खोइए | क्योंकि अगर विवेक खो दिया तो आप गलती कर जाएंगे | गलत ना होते हुए भी गलत साबित हो जाएंगे |
भगवान आदि शिव तो त्रिनेत्र धारी है उनके मस्तिष्क पर तीसरा नेत्र स्थित है |
क्या इसका अर्थ यह है कि आपको परिस्थितियों को क्रोध से सुलझाना चाहिए |
नहीं ।
भगवान आदि देव का तीसरा नेत्र दूरगामी सोच दर्शाता है |
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क्या आप भी तांबे के बर्तन में पानी पीते हैं ? | Do you drink water in a copper pot
एंटीबैक्टीरियल एंटीवायरल और एंटीऑक्सीडेंट गुणों की वजह से तांबे के बर्तन में रखा पानी पीने से त्वचा संबंधी रोग नहीं बढ़ते |
इससे शरीर में रक्त की कमी दूर होती है |
तांबे के बर्तन में ऐसे विशेष गुण होते हैं जिससे शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा कम हो जाती है |
जिससे गठिया और जोड़ों के दर्द में आराम मिलता है |
रक्तचाप और एनीमिया की समस्या होने पर तांबे के बर्तन में रात को पानी रखकर सुबह पीने की सलाह दी जाती है |
लेकिन तांबे के बर्तन में दूध नहीं पीना चाहिए | दूध तांबे के बर्तन में पीना नुकसान पहुंचाता है |
तांबे का बर्तन खरीदते हुए ध्यान रखें कि बर्तन भारी हो और मिलावटी ना हो |
इस कॉपर चार्ज वाटर को किसी और Metal कंटेनर में मत डालो |
आयुर्वेद में तांबे के बर्तन में रखा बासी पानी को अमृत के समान कहा गया है |
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यह 1 बात समझ लेने से जीवन सफल होता है | Life is successful if you understand this 1 thing
नर्क तीन चीजों से नफरत करता है वासना क्रोध और लोभ |
अथार्त परमात्मा कहते हैं जो भी मनुष्य अपने जीवन में नफरत की भावना लोभ मोह माया वासना रखते हैं उनके लिए नर्क ही सही जगह होता है |
आपको कर्म करने का अधिकार है परंतु फल पाने का नहीं |
आपको इनाम या फल पाने के लिए किसी भी क्रिया में भाग नहीं लेना चाहिए और ना ही आपको निष्क्रियता के लिए लंबे समय तक करना चाहिए |
इस दुनिया में कार्य करें |
अर्जुन एक ऐसे आदमी थे जिन्होंने अपने आप को स्वयं सफल बनाया बिना किसी स्वार्थ के |
चाहे सफलता हो या हार हमेशा एक जैसे |
अथार्त अगर हम फल की आशा में कार्य करेंगे तो ना हमारे कार्य सफल हो पाएंगे और ना ही वह अपने लक्ष्य तक पहुंच पाएंगे |
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परिस्थितियों को समझने की कला | The art of understanding situations
भगवान शिव तो त्रिनेत्र धारी है उनके मस्तिष्क पर तीसरा नेत्र स्थित है |
क्या इसका अर्थ यह है आपको परिस्थितियों को क्रोध से सुलझाना चाहिए |
भगवान शिव का तीसरा नेत्र दूरगामी सोच दर्शाता है |
हर समय जैसा प्रतीत होता है वैसा वास्तव में होता नहीं है |
घर हो या दफ्तर परिस्थिति कैसी भी हो सिर्फ भारी नेत्रों का प्रयोग ना करें |
दूरगामी बने पहले स्थिति का विश्लेषण करें फिर अच्छे से सोच विचार कर निर्णय लें |
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हमेशा दूरगामी परिणामों पर नजर रखें | जीवन में अगर आगे बढ़ना है तो फोकस लॉन्ग टर्म गोल पर रखिए | पर उनको छोटे-छोटे शॉर्ट टर्म गोल में विभाजित जरूर करिए | क्योंकि असल लक्ष्य तो दूरगामी लक्ष्य को प्राप्त करना ही है |
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