साइनस की समस्या (Sinus Problem) का इलाज | Treatment of sinus problem in Hindi

Treatment of sinus problem
Treatment of sinus problem

अगर आपको साइनस की समस्या है या आपके घर के किसी सदस्य को यह समस्या बहुत लंबे समय से है तो सिर्फ 1 महीने के लिए इस इलाज को कर लीजिए | तब आपकी साइनस की समस्या हमेशा के लिए खत्म हो जाएगी |साइनस एक ऐसी समस्या है, जिससे आज एक बड़ी आबादी ग्रसित है। चिकित्सा जगत में इसे ‘साइनोसाइटिस’ कहा जाता है। यह नाक संबंधी रोग है, जो जुकाम, सांस लेने में तकलीफ व चेहरे की मांसपेशियों में दर्द के साथ शुरू होता है। आगे चलकर यह समस्या गंभीर रूप ले सकती है। ध्यान रहे कि हर सर्दी-जुकाम को साइनस नहीं कहा जा सकता है। इसके कुछ विशेष लक्षण होते हैं, जिनके विषय में आपको पता होना चाहिए। इस लेख के जरिए हम आपको साइनस के इलाज और इससे संबंधित महत्वपूर्ण जानकारियों से अवगत कराएंगे ताकि आप जान सकें कि साइनस कैसे होता है और इससे बचाव कैसे किया जा सकता है।

इस पोस्ट को शुरू करने से पहले आपको एक बात बताना जरूरी है कि यह पोस्ट नीचे दी गईं वीडियो का लिखित रूप है | जो जानकारी इस वीडियो में दी गईं है वही जानकारी इस पोस्ट में भी दी गईं है |

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साइनस क्या है ?

साइनसाइटिस सर्दी-जुकाम के रूप में शुरू होता है और फिर यह व्यक्ति रियल वायरस या फंगल संक्रमण के रूप में पूरी तरह से विकसित हो जाता है | साइनस हवा से भरी छोटी-छोटी खोखली गुहा रुपीस रचना है | जो नाक के आसपास व माथे की हड्डियों के पीछे तथा आंखों के बीच के भाग में पैदा होने लगती है | जैसे दोनों तरफ के चेहरों की हड्डियों में मैक्सिलेरी साइनस, नाक के ऊपर माथे में फ्रंटल साइनस, आंखों के पास एथमॉइड साइनस तथा पिछले हिस्से में बीचो-बीच दिमाग से सटा स्फेनॉइड साइनस |

साइनसाइटिस से साइनस में सूजन आ जाती है और यह किसी संक्रमण के कारण होती है | आप सिर या अपने चेहरे में दर्द और नाक बंद होने का अनुभव कर सकते हैं | कई बार इस में नाक से हर पदार्थ बहने लगता है | दर्द इस बात पर निर्भर करता है कि पीड़ित व्यक्ति किस प्रकार के साइनसाइटिस से प्रभावित है | कई बार यह बीमारी समय के साथ ठीक हो जाती है, लेकिन यदि काफी लंबे समय तक रह जाए तो उसके लिए नाक की सर्जरी ही एकमात्र विकल्प बचता है |

साइनस कितने प्रकार का होता है ? 

साइनस मुख्य रूप से चार प्रकार का होता है जो निम्नलिखित है-

एक्यूट साइनस – यह सामान्य साइनस है जिसे इन्फेक्शन साइनस के नाम से भी जाना जाता है | एक्यूट साइनस मुख्य रूप से उस स्थिति में होता है जो कोई व्यक्ति किसी तरह के वायरस या व्यक्ति के संपर्क में आ जाता है |

रिकरंट एक्यूट राइनोसाइनसाइटिस – यह एक ऐसे तरह का साइनस है, जो वक्त के साथ बार-बार होता है। एक साल में चार से पांच बार यह हो सकता है। हर बार 7 दिन तक इसके लक्षण दिखते हैं। बार-बार होने की वजह से यह रिकरंट कहलाता है |

क्रॉनिक साइनसाइटिस – क्रॉनिक साइनस यानी लंबे समय तक रहने वाला साइनस है। इसके लक्षण 12 हफ्ते यानी करीब 3 महीने तक रहते हैं। यह एलर्जी, इंफेक्शन, म्यूकस व सूजन की वजह से हो सकता है |

डेविएटेड साइनस – जब साइनस नाक के एक हिस्से पर होता है, तो उसे डेविएटेड साइनस (Deviated sinus) के नाम से जाना जाता है | इसके होने पर नाक बंद हो जाता है और व्यक्ति को सांस लेने में तकलीफ होती है |

गलत तरीके से नाक साफ करने से क्या होता है ?

सही तरीके से नाक साफ – अगर आप नाक को सीधा यानी कि ऊपर से नीचे की तरफ सीधा साफ करते हैं तो वह बिल्कुल सही तरीका है नाक को साफ करने का |

गलत तरीके से नाक साफ – अगर आप नाक को साफ करते समय उसे बाएं या दाएं तरफ मरोड़ कर साफ करते हैं तो वह नाक को साफ करने का गलत तरीका है | वह साइनस की समस्या को पैदा करता है |

साइनस के लक्षण क्या हैं ?

खांसी होना – साइनस होने पर कुछ लोगों को खांसी भी हो सकती है | यदि किसी व्यक्ति को यह होता है, तो उसे इसकी सूचना अपने डॉक्टर को देनी चाहिए |

बुखार होना – अक्सर ऐसा भी देखा गया है कि साइनस होने पर कुछ लोगों को बुखार हो जाता है |

सिरदर्द होना– यह साइनस का प्रमुख लक्षण है, जिसमें शख्स को सिरदर्द होता है और इसके लिए उसे सिरदर्द की दवाई लेनी पड़ती है |

1.सांस से बदबू आना |
2.किसी तरह की गंध का न आना |
3.थकान और बीमार जैसा महसूस होना |
4.आंखों के पीछे दर्द और दांतों में दर्द |
5.चेहरे का बहुत मुलायम होना |
6.नाक बंद होना या बहना |
7.गले में खराश |

बच्चों में साइनस के लक्षण कुछ इस प्रकार हैं –

1.सर्दी या सांस की बीमारी, जो बेहतर होते-होते फिर खराब होने लगती है |
2.ज्यादा बुखार |
3.नाक का बहना, जो कम से कम 3 दिनों तक रहता है |
4.खांसी या बिना खांसी के नाक का बहना, जो 10 से अधिक दिनों से मौजूद है और इसमें सुधार नहीं हो रहा है |

साइनस की समस्या के कारण :-

साइनस मुख्य रूप से निम्नलिखित कारणों से हो सकता है –

एलर्जी का होना – यह नाक की बीमारी मुख्य रूप से उस व्यक्ति को हो सकती है, जिसे किसी तरह की एलर्जी होती है |

रोग प्रतिरोधक क्षमता का कमजोर होना – यदि किसी व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता (Immune System) है, तो उसे साइनस की समस्या हो सकती है |

फैमली हिस्ट्री का होना – किसी भी अन्य समस्या की तरह साइनस भी फैमली हिस्ट्री की वजह से हो सकती है |
अन्य शब्दों में, यदि किसी शख्स के परिवार में किसी अन्य व्यक्ति साइनस है, तो उसे यह नाक की बीमारी होने की संभावना अधिक रहती है |

माइग्रेन से पीड़ित होना – साइनस उस शख्स को भी हो सकती है, जो माइग्रेन (Migraine) से पीड़ित है | अत: माइग्रेन से पीड़ित व्यक्ति को इसका इलाज सही से कराना चाहिए |

1.सर्दी-जुकाम |
2.वायरस, फंगस और बैक्टीरिया |
3.जानवरों के शरीर से निकलने वाली रूसी |
4.प्रदूषित हवा |
5.धुआं और धूल |
6.नाक के छोटे बाल यानी सिलिया, जो नाक से म्यूकस को अच्छे से निकलने नहीं देते |
7.नाक की हड्डी का नुकीले आकार में बढ़ना |

अगर आप गलत तरीके से नाक को साफ करते हैं तब साइनस की समस्या होती है | मौसम चेंज की वजह से सर्दी जुखाम होना एक आम बात है |उस समय में अगर आपने एन्टीवेटिक दवाई ले ली और फिर हफ्ते बाढ़ सर्दी जुकाम फिर हो गया फिर एन्टीवेटिक ले ली |यानी कि आपने सर्दी जुखाम को ठीक नहीं किया दवाई की सहायता से उसे दबा दिया |आपको बता दें दवाई लेने से जुकाम ठीक नहीं हुआ बल्कि वह दब गया और जो नजला था वह हमारे नाक में ही जम गया |हमने उसे बाहर निकलने का मौका ही नहीं दिया | जब नजला जम जाएगा तब साइनस की समस्या पैदा हो जाएगी |जमा हुआ नजला सर दर्द का भी कारण बन सकता है |


साइनस की समस्या को ठीक करने के लिए एक्यूप्रेशर पॉइंट :-

अगर आपका नाक हमेशा बंद रहता है तब कौन सा एक्यूप्रेशर पॉइंट दबाए :-

पैर का जो अंगूठा होता है अंगूठे के बाहर वाली साइड जहां से थोड़ा बाहर की तरफ उभरा हुआ है |वहां पर एक्यूप्रेशर पॉइंट है |आपने उस पॉइंट को उत्तेजित करना है जब आप उसे उत्तेजित करेंगे तब नाक धीरे-धीरे खुलना शुरू हो जाएगा |एक्यूप्रेशर की फोटो आपको नीचे दिखाई जा रही है | आपने यह दोनों पैरों के अंगूठे पर दबाना है |

साइनस की समस्या (Sinus Problem) - Acupressure point - Image - 1

साइनस की समस्या को ठीक करने के लिए एक्यूप्रेशर पॉइंट :-

साइनस की समस्या के लिए हमारे हाथों पैरों में हर उंगली पर पॉइंट है | हाथों की उंगलियां है उनके ऊपरी टिप्स है वह आपने दबाने है | इन सभी बिंदुओं को आपने 1 महीने के लिए दिन में दो बार दबाना होगा |

साइनस की समस्या (Sinus Problem) - Acupressure point - Image - 2

साइनस की समस्या को ठीक करने के लिए कौन सा व्यायाम करें :-

साइनस की समस्या को ठीक करने के लिए आपने कपालभाति व्यायाम दिन में एक बार जरूर करना है | कपालभाती व्यायाम हमारे शरीर में गर्मी को पैदा करता है और नाक को गर्म करता है |ताकि जो साइनस जमा है वह पिघल कर बाहर आ सके जब आप कपालभाति को करेंगे तो हो सकता है आपको स्वांस लेने में दिक्कत आए | तब भी आपने धीरे-धीरे कपालभाती व्यायाम करते रहना है और धीरे-धीरे नजला तो जमा हुआ है वह पिघलने लगेगा | कपालभाती व्यायाम को करने से पहले आपने लंबा स्वांस लेना है और उसे छोड़ना है | ऐसे ही आपने कुछ देर के लिए करना | 

साइनस की समस्या (Sinus Problem) का घरेलू इलाज :-

जो इलाज हम आपको बताने जा रहे हैं वह साइनस की समस्या को भी ठीक करता है और पेट की सभी समस्याओं को भी ठीक करता है | तो चलिए जानते हैं आपने कौन सी सामग्री लेनी है |

1. बादाम

साइनस की समस्या (Sinus Problem) - Almond - Image - 3

2. काली मिर्च

साइनस की समस्या (Sinus Problem) - Black pepper - Image - 4

3. चीनी या मिश्री

उपयोग करने का तरीका

  • आपने 100 ग्राम बादाम लेने हैं |
  • 20 ग्राम काली मिर्च का पाउडर लेना है |
  • मीठे के लिए आप मिश्री ले सकते हैं नहीं तो चीनी का भी इस्तेमाल कर सकते हैं |
  • इन तीनों चीजों का पाउडर बना लीजिए रात को सोते समय एक चम्मच पाउडर गुनगुने दूध के साथ सेवन करना है |
  • ऐसा करने से साइनस की समस्या ठीक होती है |
  • पेट में अगर कब्ज की समस्या है तो वह भी ठीक हो जाएगी आंखों की रोशनी भी बढ़ती है |
  • यह बहुत ही आसान तरीका है साइनस की समस्या को 1 महीने में ठीक करने का |

ये थी जानकारी साइनस की समस्या (Sinus Problem) का इलाज के बारे में |

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दिव्या शर्मा


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